§ हर इबादत में तू शामिल है यूं कि.. जैसे तेरे बिना कोई इबादत न हो।। मेरी याद…
और पढ़ें¤ वो कहती है कि अब तुमसे बात करने का कोई फायदा नहीं...एक हम ही बुद्धु थे जो …
और पढ़ेंकभी कभी मेरे मन में ख्याल आता है कि अगर हमारे देश में लोकतंत्र ना होता तो…
और पढ़ेंकाफी दिनों से मैं कुछ लिखने की सोच रही थी...लेकिन क्या लिखूं कुछ फैसला ही न…
और पढ़ेंजब हम बचपन और किशोरावस्था की सीढ़ियां पार कर युवावस्था की दहलीज पर कदम र…
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