जिंदगी में गम है...गम में दर्द है...दर्द में चुभन है...चुभन में टीस है...और उस टीस में उसकी यादें है..ये गम उसी का दिया है...ये दर्द भी उसी का है..दर्द की ये चुभन उस की है.. चुभन की टीस भी उसी की दी हुई है.. और अगर उस टीस में उसकी यादें हो तो क्या गम है...एक शख्स तक सिमट कर रह गई है ये जिंदगी..कभी यादों में...कभी बातों में...कभी ख्वाबों में तो कभी ख्यालातों में...समझ नहीं आता कि ये दूरी उससे दूर ले जा रही है कि और करीब खींचे जा रही है...दूर होकर भी करीब है वो...अब भी मेरे लिए अजीज है वो...माना बहुत दूरी है हमारे बीच...
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