ना तो यूट्रस है और ना ही वॉम्ब, म‎हिला फिर भी बन गई मां जानिए कैसे हुआ ये चमत्कार

लंदन: नाओमी एलन को जब पता चला कि उनके शरीर में गर्भाशय ही नहीं है। उसके ‎लिए ये किसी सदमे की तरह था। जब नाओमी ने पहली बार अपना अल्ट्रासाउंड कराया तो पहले मेडिकल स्टाफ को लगा कि शायद नाओमी  ठीक तरह से पानी पीकर नहीं आई हैं। जिसकी वजह से उनके शरीर में गर्भाशय दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि बाद में ये बात साफ गई कि नाओमी के शरीर में न तो यूट्रस है और न ही वॉम्ब। 

एमआरआई स्कैन के बाद ये बात कंफर्म हो गई कि नाओमी प्राकृतिक तौर पर कभी भी मां नहीं बन सकतीं।पहली बार नाओमी की इस अजीबोगरीब कंडीशन को उनकी मां ने तब नोटिस किया, जब वो 12 साल की थीं। सामान्य तौर पर टीनएज में लड़कियों को पीरियड आते हैं, लेकिन नाओमी के साथ ऐसा नहीं हुआ। उनके परिवार की ज्यादातर महिलाओं को इस उम्र तक पीरियड आ गए थे, ऐसे में उन्हें डॉक्टर के पास ले जाया गया। उन्हें 4 साल इंतज़ार करने के बाद आखिरकार कुछ स्कैन कराए, जब ये बात सामने आई। 

डॉक्टर ने उनकी काउंसिलिंग भी की, लेकिन नाओमी की उम्र तब इस बात की गंभीरता समझने के लिए कम थी। वे अपनी ज़िंदगी आराम से जीती रहीं। नाओमी को मायेर रोकीटंस्की कुस्टेर हाउसेर नाम की दुर्लभ मेडिकल कंडीशन थी। इसमें महिला के शरीर में फीमेल एग्स तो बनते हैं, लेकिन कभी भी सर्विक्स और यूट्रस जैसे अंग नहीं बन पाते। नाओमी को तब तक इस बात से खास फर्क नहीं पड़ा, जब तक उनके ब्वॉयफ्रेंड ने उनकी मेडिकल कंडीशन का मज़ाक नहीं उड़ाया। 

नाओमी ने दूसरे रिलेशनशिप में जाते ही सबसे पहले अपने पार्टनर को अपनी स्थिति के बारे में बताया और उनके पार्टनर ने उनकी इस बात को समझकर बात आगे बढ़ाई। उन दोनों ने सरोगेसी के ज़रिये अपने बायलॉजिकल बच्चे को इस दुनिया में लाने के लिए काफी प्रयास किए। आखिरकार उनकी कोशिश रंग लाई और सरोगेसी के ज़रिये उनकी बेटी इलियाना इस दुनिया में आई। बता दें ‎कि मां बनना किसी भी महिला की ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत सपना होता है। ऐसे में दुख तब होता है, जब मेडिकल कंडीशन ऐसी बन जाए, कि मां बनना नामुमकिन सा लगने लगे।

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