लंदन: वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगले दो या तीन सालों में एलियंस के अस्तित्व की खोज कर सकते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा ग्रहों के एक नए समूह पर रिसर्च शुरू करने के बाद यह उम्मीद जागी है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के खगोलविदों ने हमारे सौर मंडल के भीतर तथाकथित हाइसीन ग्रहों पर करीब से नज़र डाली है।
वैज्ञानिकों को संदेह है कि इनमें से किसी एक पर एलियंस के जीवन के लिए सही स्थिति हो सकती है। इनमें से ही एक 'मिनी-नेपच्यून' के2-18बी पृथ्वी से बहुत बड़ा है। यह महासागरों से घिरा हुआ है और इसमें जीवन को बनाए रखने के लिए पर्याप्त गर्मी और हाइड्रोजन है। मीथेन और अमोनिया के अच्छे स्तर और जल वाष्प के संकेत मिलने के बाद वैज्ञानिकों को विश्वास है कि के2-18बी स्पेस के कुछ अनसुलझे रहस्य खोल सकता है।
मिनी-नेप्च्यून 124 प्रकाश वर्ष दूर है और पृथ्वी से आठ गुना अधिक बड़ा है। कैम्ब्रिज के खगोलशास्त्री ने बताया, 'हाइसेन्स दरअसल हाइड्रोजन से युक्त वातावरण वाली पानी की एक दुनिया है।' उन्होंने कहा कि अगर इन ग्रहों पर जीवन के लिए उचित वातावरण मौजूद है तो हम दो से तीन सालों के भीतर पहली बायोसिग्नेचर डिटेक्शन देख सकते हैं।
हालांकि उन्होंने आगाह किया है कि अन्य प्राणियों के अस्तित्व के बारे में आश्वस्त होने से पहले हमें और ज्यादा जानकारी की आवश्यकता है।अध्ययन का नेतृत्व करने वाले डॉ निक्कू मधुसूदन ने कहा कि हम जल्द ही कुछ सालों के भीतर इस प्रकार के ग्रह पर जीवन का पता लगाने में सक्षम हो सकते हैं।
1 टिप्पणियाँ
Great discovery
जवाब देंहटाएं