मॉस्को: एक ताजा अध्ययन में वैज्ञानिकों ने प्राचीन कुत्तों के जीवन को लेकर कुछ खुलासे किए थे। इस रिसर्च के नतीजों ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया। वैज्ञानिकों को एक पिल्ले की ममी के पेट के अंदर एक हिम युग के गेंडे का एक टुकड़ा मिला है। किसी जानवर के पेट के भीतर अन्य जानवर का सैंपल मिलना बेहद दुर्लभ है। इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि प्राचीन प्राणियों के बीच शिकारी और शिकार की प्रवृत्ति कैसी थी।
हालांकि इस खोज ने विज्ञान के आगे नए सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर एक पिल्ले के पेट में एक गैंडे का टुकड़ा कैसे आया? यह एक बड़े अध्ययन के हिस्से के रूप में सामने आया है जो दिखाता है कि जलवायु परिवर्तन ने हिमयुग के जानवरों को किस तरह प्रभावित किया। इस शोध के दौरान, वैज्ञानिकों को एक पिल्ले की ममी मिली जिसका नाम टूमट उस जगह के नाम पर रखा गया जहां साइबेरिया में वह पाया गया।
अध्ययन के पहले लेखक एडाना लॉर्ड ने बताया कि पिल्ले के पेट के अंदर एक कलाकृति की खोज की गई। अतीत में संरक्षित प्राचीन जीवों के पेट में पौधों के अवशेष पाए जाते थे लेकिन यह एक 'जीव' था। उन्होंने कहा, 'जहां तक हम जानते हैं किसी जानवर के पेट में किसी अन्य जानवर का टुकड़ा पाया जाना बेहद असामान्य और असंभव है।' पिल्ले और गैंडे के नमूने इतनी अच्छी तरह से संरक्षित थे कि वैज्ञानिक दोनों का अच्छी तरह से विश्लेषण कर सकते थे।
यह नमूने परमाफ्रास्ट Permafrost में दबे हुए थे। लॉर्ड के मुताबिक मिट्टी की यह परत किसी फ्रीजर की तरह काम करती है। मालूम हो कि कुत्ते के छोटे-छोटे पिल्ले पालतू जानवरों में इंसानों की पहली पसंद होते हैं। ये बेहद प्यारे और चंचल स्वभाव के होते हैं। अक्सर पिल्ले जिस भी चीज को देखते हैं उसे खाने या चाटने लगते हैं। फिर चाहें वह कचरा हो या इंसानों के खाने की प्लेट। हिमयुग के पिल्ले भी इससे बहुत अलग नहीं थे।

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